बैच फ्लावर थेरेपी (Bach Flower Therapy) एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जिसे रेस्क्यू थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। इस चिकित्सा की शुरुआत लगभग 100 साल पहले एडवर्ड बैच नामक ब्रिटिश चिकित्सक द्वारा की गई थी। आज यह थेरेपी भारत समेत पूरी दुनिया में मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के उपचार के लिए की जाती है। यह एक होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें फूलों के अर्क आदि का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जाता है। बैच फ्लावर रेमेडी (Bach Flower Remedy) एक ऐसी प्राकृतिक चिकित्सा है जो शरीर और मन को सकारात्मक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। तमाम मानसिक रोगों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। मानसिक समस्या, अनिद्रा, चिंता समेत कई मनोरोग में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज के दौरान मरीजों की मानसिक स्थिति को बेहतर रखने के लिए भी किया जाता है। बैच फ्लावर चिकित्सा (Bach flower therapy) को लेकर हमने बेंगलुरु स्थित बैच फ्लावर थेरेपी की रजिस्टर्ड प्रैक्टिशनर अर्चना कबिलान से जानकारी ली, आइये जानते हैं इस चिकित्सा पद्धति के बारें में उन्होंने क्या बताया।
बैच फ्लावर थेरेपी का उपयोग भय, अनिश्चितता, मन संतुलित न होना, अकेलापन समेत कई मानसिक स्थितियों के लिए किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति में 38 तरीके के उपचार शामिल हैं जिनका इस्तेमाल मनोरोग और अन्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इस होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, फूलों के अर्क को इस रेमेडी में शामिल करने की वजह से ही इसे फ्लावर थेरेपी या बैच फ्लावर चिकित्सा का नाम भी दिया गया है। अर्चना कबिलान कहती हैं कि, इस थेरेपी के माध्यम से नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में मदद मिलती है। किसी भी प्रकार के नकारात्मक भाव को ख़त्म करने के लिए और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से निजात पाने के लिए यह थेरेपी बेहद कारगर होती है। इस चिकित्सा में मरीजों के भावनाओं को समझते हुए चिकित्सक बैच तैयार करते हैं, इसे प्राकृतिक और पूरी तरह से सुरक्षित चिकित्सा पद्धति माना जाता है। बैच फ्लावर थेरेपी भावनात्मक रूप से हो रही इन समस्याओं के निदान के लिए इस्तेमाल की जाती है।
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बैच फ्लावर चिकित्सा में कई तरह की दवाइयां शामिल की जाती हैं जिनमें कैप्सूल, क्रीम और बाथ जेल आदि होते हैं। इनेहं तैयार करने के लिए तमाम प्रकार के फूलों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी या चिकित्सा मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे लत, क्रोध, चिंता, अवसाद, डर, दुःख, बेचैनी, आत्मविश्वास की कमी, अकेलापन, मानसिक थकावट, पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर जैसी समस्याओं की ठीक करने के लिए किया जाता है। नींद न आना, तनाव, आत्महत्या की कोशिश, और अटैक आदि मनोवैज्ञानिक समस्याओं के इलाज के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। डॉ बैच एडवर्ड का मानना था कि डर, अकेलापन, अवसाद आदि मानसिक समस्याओं की जड़ कई बीमारियां होती हैं। इनकी वजह से शरीर में अनेकों समस्याएं भी पैदा होती हैं इसलिए इन समस्याओं का उपचार किया जाना बेहद जरूरी होता है। अगर हम मानसिक रूप से मजबूत होते हैं तो कई समस्याओं से लड़ा जा सकता है। इस थेरेपी में 38 तरीके से इलाज किया जाता है, आसान भाषा में कहें तो 38 प्रकार की दवाएं और थेरेपी इस चिकित्सा में प्रयोग की जाती है।
बैच फ्लावर थेरेपी का उपयोग शुरुआत में सिर्फ विशेषज्ञों की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। चिकित्सक सबसे पहले समस्या की जड़ समझने की कोशिश करते हैं। उदहारण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति अकेलेपन और चिंता की समस्या से पीड़ित है तो इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है उसके बाद उस समस्या के हिसाब से फूल चुना जाता है। इस फूल से बने दवाओं की सहायता से फिर उस व्यक्ति का इलाज होता है। इसके अलावा, कुछ प्राकृतिक चिकित्सक, होम्योपैथ, हर्बलिस्ट, काइरोप्रैक्टर्स, और एक्यूपंक्चर जैसी चिकित्सा भी मरीजों को देते हैं। तनावपूर्ण स्थितियों में मन को शांत रखने के लिए भी लोग इसका इस्तेमाल करते है। एडवर्ड बैच द्वारा विकसित किये गए इस उपचार पद्धति में दवाएं और अन्य सामग्री जिसका इस्तेमाल इस चिकित्सा में किया जाता है ड्रॉपर या लिक्विड के रूप में आते हैं। होमियोपैथी की दवाओं की तरह इन दवाओं का सेवन किया जाता है। कुछ समस्याओं में स्प्रे, गोलियां, क्रीम या फिर बाथ जेल का भी इस्तेमाल किया जाता है। बीएफआरपी की रजिस्टर्ड बैच प्रैक्टिशनर अर्चना ने बताया कि पहली बार इस थेरेपी को लेने से पहले चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।
लोगों में चिंता, अवसाद, तनाव, भावनात्मक और शारीरिक अटैक समेत कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं में इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सभी लोगों को यह थेरेपी पूर्ण रूप से ठीक करने में कामयाब नही है लेकिन ज्यादातर लोगों पर इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह रेमेडी सभी मेंटल और इमोशनल समस्याओं में फायदेमंद होती है। इस थेरेपी में इस्तेमाल किये जाने वाले 38 तरीके सभी प्रकार के मनोरोग और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को दूर करने में सक्षम माने जाते हैं। बैच फ्लावर रेमेडी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे कि नशा, क्रोध, चिंता, अवसाद, डर, दु: ख, अधीरता, आत्मविश्वास की कमी, अकेलापन, आत्म-मूल्य की कमी , मानसिक थकावट, PTSD, नींद न आना, तनाव, आत्महत्या की प्रवृत्ति, आघात और कई समस्याओं में फायदेमंद मानी जाती है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह रेमेडी शरीर की कई बीमारियों में भी असरदार होती है।
हाई ब्लड प्रेशर - यह थेरेपी मन को शांतऔर स्थिरताकरने में मददगार होती है, शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करने में इसकी बड़ी भूमिका होती है।
स्लीप डिसऑर्डर - बैच फ्लावर थेरेपी लगातार मानसिक रूप से शांत रहने और नींद को संतुलित करने में बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
अत्यधिक क्रोध की समस्या- इस थेरेपी के माध्यम से पुराने और अत्यधिक क्रोध जैसी समस्या को कंट्रोल करने में सफलता मिलती है।
ज्यादातर अध्ययन में पाया गया है कि बैच फ्लावर चिकित्सा एक सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में किसी भी प्रकार का जैव-रासायनिक पदार्थ नही पाया जाता है। इसलिए इस चिकित्सा का इस्तेमाल किसी भी अन्य बीमारी के इलाज के साथ भी किया जा सकता है। कैंसर आदि बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी यह थेरेपी इलाज के दौरान ही दी ज़ाती है। बैच फ्लावर थेरेपी का उपयोग शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वयस्कों, वृद्ध लोगों, पालतू जानवरों और यहां तक कि पौधों पर किया जा सकता है। हालांकि कुछ दवाओं में अल्कोहल की थोड़ी मात्रा होती है, इसलिए यदि आप इससे बचना चाहते हैं तो लेबल की जाँच करने के बाद ही इनका इस्तेमाल करें। किसी भी बीमारी या समस्या के लिए पहले से चल रही दवाओं की जगह पर बैच फ्लावर थेरेपी लेने की सलाह नही दी जाती है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी होती है।
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